Deliver to Ireland
IFor best experience Get the App
O Priya
A**I
ओ प्रिया (O' Priya!!!)
ओ_प्रिया' जैसी अभिनव कृति के लिए मैं प्रथमतः कवि, ग़ज़लकार तथा सोनेटियर श्री विनीत मोहन औदिच्य जी को अनंत बधाई देना चाहूँगी साथ में आगत भविष्य की अन्य साहित्यिक कृति के लिए अशेष शुभकामनायें दूँगी।इस संकलन का आधार है मूल कवि पाब्लो की प्रेममय अभिव्यक्ति अपनी प्रेयसी मेटिल्डा के प्रति। इसी अभिव्यक्ति को नेरुदा ने अति रोमांचक एवं प्राकृतिक भावों मे लीन हो कर रचे हैं एक सौ सोनेट। इन्हीं भावों को हिंदी में अनुवाद करते हुए श्री विनीत मोहन जी ने भी मूल कवि के अनुसार प्रत्येक रूपक शब्द एवं अलंकार का भी नायोचित प्रयोग किये हैं । इस संकलन में एक सौ सोनेट्स चार भागों में दिन के चार प्रहरों के प्रकार में लिखें गयें हैं, जैसे कि प्रातः काल, दोपहर, सायंकाल एवं निशा । प्रत्येक प्रहर में उसके अनुरूप रचनाएँ एवं सभी रचनाएँ प्रेमिल परिभाषा में पूर्ण एवं संपूर्ण हैं। नेरुदा सदैव अपनी प्रेयसी को ओ! प्रिया से संबोधित करते थे। अतः इस संकलन का नाम भी #ओ_प्रिया* रखा गया है । इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें । जो हमारी संस्कृति से भिन्न है किंतु भावों से अभिन्न है, भाषा से भिन्न है किंतु भावनाओं से अभिन्न...इस विदेशी कला एवं साहित्य का पदचिह्न हमारे देश के कला और साहित्य में एक सौंदर्यपूर्ण अनुभवों को जन्म देता है । यह अनुवाद कार्य सदैव पूर्णता लिये प्रतिष्ठित रहेगा यह मेरी शुभकामना है ।श्री विनीत मोहन जी का अथक प्रयास चिरस्मरणीय रहेगा ।अनिमा दासकटक, ओड़िशा
Trustpilot
1 month ago
2 months ago